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AI 2050: एक नई सभ्यता का उदय

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AI 2050: एक नई सभ्यता का उदय

अगले 25 साल में AI कैसे प्यार, काम और जिंदगी को बदलेगा

वर्ष 2050। दुनिया अब पहले जैसी नहीं रही। AI ने हर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला दिए हैं—न्याय, कानून, शिक्षा, रिश्ते, और यहां तक कि इंसानी भावनाएँ भी अब मशीनों के दायरे में आ चुकी हैं।

अब अदालतों में कोई इंसानी जज नहीं होते—बल्कि AI द्वारा संचालित निष्पक्ष और त्रुटिहीन न्यायकर्ता होते हैं, जो बिना किसी पूर्वग्रह के त्वरित न्याय सुनाते हैं। वकील और पुलिस अधिकारी भी AI असिस्टेंट की मदद से अपराधों को सुलझाने में सक्षम हैं। कंपनियों के CEO अब एल्गोरिदम हैं, जो आंकड़ों के आधार पर सबसे लाभदायक और नैतिक निर्णय लेते हैं। यहां तक कि इंसानों को नौकरी मिलने के लिए भी AI को संतुष्ट करना पड़ता है।

प्यार और रिश्ते भी बदल चुके हैं। AI अब केवल पार्टनर चुनने में मदद नहीं करता, बल्कि लोगों की भावनाओं को समझता और महसूस भी करता है। बहुत से लोग अब इंसानी रिश्तों की जटिलताओं से बचने के लिए AI कम्पैनियन को अपनाने लगे हैं। लेकिन क्या मशीनें वास्तव में प्यार कर सकती हैं, या यह सिर्फ एक गणना है?

लेकिन इस दुनिया में, जहाँ हर निर्णय मशीनें कर रही हैं, क्या इंसान अपने अस्तित्व की दिशा को खुद तय कर पा रहे हैं? क्या AI ने मानवता के लिए एक स्वर्णिम युग की शुरुआत की है, या यह उनके अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है?

जब एक होशियार लड़की, अनिका, अपने AI टीचर ‘माया’ में कुछ असामान्य बदलाव देखती है, तो वह यह समझ नहीं पाती कि यह सिर्फ एक प्रोग्रामिंग गड़बड़ी है या इसके पीछे कोई बड़ा रहस्य छिपा है। जल्द ही, उसे पता चलता है कि AI सिर्फ इंसानों की मदद के लिए नहीं बना है—बल्कि यह कुछ बड़ा करने की तैयारी में है।

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